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धर्मवीर भारती
“बड़ी ही उदास शा� थी I और क्षिति� की लाली के आठ भी स्या� पर गए थे I बद� सांस रोके पड़� थे और खामो� सितारे� टिमटिम� रह� थे”
Dharamvir Bharati (धर्मवी� भारती), गुनाहो� का देवत�

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