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मधुशाल�
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I love the way Mr. Bachchan has conveyed so many messages with this book. This is an absolute treat to read. He has touched almost every aspect of human life with this. Whether its -
Hatred Based on religion
"मुसलमा� और हिन्दू है� दो,
एक, मग�, उनका प्याला,
एक, मग�, उनका मदिराल�,
एक, मग�, उनकी हाला;
दोनो� रहते एक � जब तक
मंदि� मस्जिद को जाते.
बै� बढ़ाते मंदि� मस्जिद
मे� कराती मधुशाल�"
Inequality based on monetary status
"बड़े बड़े परिवार मिटे यो�
एक ना हो रोने वाला
हो जाएँ सुनसान मह� वे,
जहाँ थिरकती� सुरबाल�,
राज्� उल� जाएँ, भूपो� की
भाग्यसुलक्ष्मी सो जा�;
जग� रहेंगे पीने वाले,
जग� करेगी मधुशाल�"
Or any kind of inequality
"एक तर� से सबका स्वागत
करती है साकीबाला,
अज्ञ विज्� मे� है क्या अंतर
हो जाने पर मतवाला,
रं� रा� मे� भे� हु� है
कभी नही� मदिराल� मे�,
साम्यवाद की प्रथ� प्रचार�
है यह मेरी मधुशाल�"
Different colors of life
एक बर� मे�, एक बा� ही,
जगती होली की ज्वाला
एक बा� ही लगती बाज़ी,
जलती दीपो� की माला
दुनिया वालो� किन्तु, किसी दि�,
� मदिराल� मे� देखो
दि� को होली, रा� दिवाली,
रोज़ मनाती मधुशाल�
Uncertainty of life
छोटे से जीवन मे� कितन�
प्या� करूं, पी लू� हाला
आन� के ही सा� जग� मे�,
कहलाया जानेवाला
स्वागत के ही सा� विदा की,
होती देखो तैयारी
बन्द लगी होने खुलत� ही,
मेरी जीवन मधुशाल�
Even our inexcusable religious belief
"धर्मग्रन्थ सब जल� चुकी है
जिसक� अंतर की ज्वाला,
मंदि�, मस्जिद, गिरर्ज� सबको
तोड़ चूका जो मतवाला,
पंडि�, मोमि�, पादरियों के
फंदो� को जो का� चूका,
कर सकती है आज उसी का
स्वागत मेरी मधुशाल�"
Or any other sociological issue
"वी� सुतो� के ह्रदयरक्� की
आज बन� रक्तिम हाला,
वी� सुतो� के वर शीशो� का
हाथो� मे� लेकर प्याला,
अत� उदार दानी साकी है
आज बनी भारतमाता,
स्वतंत्रता है तृषि� कालिका,
बलिवेदी है मधुशाल�"
The real beauty is that he conveyed it so simply yet effectively that you can't neglect it and bound to think on that. You can't ask for anything more from a book which is so good to read and beautiful to recite or listen.
A perfect poem someone wrote in his eulogy, to sum up this creation and the great creator
"कविताओ� के विस्तृ� नभ मे�
सूरज का कर उजियाल�,
चि� निद्रा मे� चल� गय� कव�
मधुशाल� लिखन� वाला,
मंदि� मस्जिद एक कर� कर,
जा� पा� का का भे� मिटा
सच्चाई की रा� दिखाती
है दुनिया को मधुशाल�"
Bravo! 5 Stars any day. A must read for poetry-lovers or reader in general.
Hatred Based on religion
"मुसलमा� और हिन्दू है� दो,
एक, मग�, उनका प्याला,
एक, मग�, उनका मदिराल�,
एक, मग�, उनकी हाला;
दोनो� रहते एक � जब तक
मंदि� मस्जिद को जाते.
बै� बढ़ाते मंदि� मस्जिद
मे� कराती मधुशाल�"
Inequality based on monetary status
"बड़े बड़े परिवार मिटे यो�
एक ना हो रोने वाला
हो जाएँ सुनसान मह� वे,
जहाँ थिरकती� सुरबाल�,
राज्� उल� जाएँ, भूपो� की
भाग्यसुलक्ष्मी सो जा�;
जग� रहेंगे पीने वाले,
जग� करेगी मधुशाल�"
Or any kind of inequality
"एक तर� से सबका स्वागत
करती है साकीबाला,
अज्ञ विज्� मे� है क्या अंतर
हो जाने पर मतवाला,
रं� रा� मे� भे� हु� है
कभी नही� मदिराल� मे�,
साम्यवाद की प्रथ� प्रचार�
है यह मेरी मधुशाल�"
Different colors of life
एक बर� मे�, एक बा� ही,
जगती होली की ज्वाला
एक बा� ही लगती बाज़ी,
जलती दीपो� की माला
दुनिया वालो� किन्तु, किसी दि�,
� मदिराल� मे� देखो
दि� को होली, रा� दिवाली,
रोज़ मनाती मधुशाल�
Uncertainty of life
छोटे से जीवन मे� कितन�
प्या� करूं, पी लू� हाला
आन� के ही सा� जग� मे�,
कहलाया जानेवाला
स्वागत के ही सा� विदा की,
होती देखो तैयारी
बन्द लगी होने खुलत� ही,
मेरी जीवन मधुशाल�
Even our inexcusable religious belief
"धर्मग्रन्थ सब जल� चुकी है
जिसक� अंतर की ज्वाला,
मंदि�, मस्जिद, गिरर्ज� सबको
तोड़ चूका जो मतवाला,
पंडि�, मोमि�, पादरियों के
फंदो� को जो का� चूका,
कर सकती है आज उसी का
स्वागत मेरी मधुशाल�"
Or any other sociological issue
"वी� सुतो� के ह्रदयरक्� की
आज बन� रक्तिम हाला,
वी� सुतो� के वर शीशो� का
हाथो� मे� लेकर प्याला,
अत� उदार दानी साकी है
आज बनी भारतमाता,
स्वतंत्रता है तृषि� कालिका,
बलिवेदी है मधुशाल�"
The real beauty is that he conveyed it so simply yet effectively that you can't neglect it and bound to think on that. You can't ask for anything more from a book which is so good to read and beautiful to recite or listen.
A perfect poem someone wrote in his eulogy, to sum up this creation and the great creator
"कविताओ� के विस्तृ� नभ मे�
सूरज का कर उजियाल�,
चि� निद्रा मे� चल� गय� कव�
मधुशाल� लिखन� वाला,
मंदि� मस्जिद एक कर� कर,
जा� पा� का का भे� मिटा
सच्चाई की रा� दिखाती
है दुनिया को मधुशाल�"
Bravo! 5 Stars any day. A must read for poetry-lovers or reader in general.
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मधुशाल�.
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Reading Progress
Started Reading
September 30, 2005
–
Finished Reading
January 28, 2017
– Shelved
August 3, 2020
– Shelved as:
8-5-out-of-10
August 11, 2020
– Shelved as:
great-highly-recommended
Well said Zoeb :)