Damini Tiwari 's Reviews > सूरज का सातवाँ घोड़�: Suraj Ka Satvan Ghoda
सूरज का सातवाँ घोड़�: Suraj Ka Satvan Ghoda
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ये तो सत्य है कि इस उपन्या� कि तर� आज भी हमार� समाज मे� ऐसी ही कई अस� कहानियां हैं। जो भी लिखा है वो सब सत्य प्रती� होता है � यह उपन्या� पढ़क� मेरा मन परेशान सा हो गय� है� सबसे ज्यादा दु� पत� नही� क्यो� माणि� मुल्ला के लि� होता है� उसने इन सबमे� अपनी कथ� सुना दी और अपना व्याकु� सा चित्� लेकर कही� भीड़ मे� खो गय� है� हर एक व्यक्त� मे� एक माणि� मुल्ला हैं। जो खु� भी दुखी है� और हर किसी के दु� मे� सहभागी है� जमुन�, तन्न�, लीली, सत्ती से लेकर हर एक व्यक्त� की कथ� ने दु� दिया परंत� सबसे ज्यादा दु� माणि� मुल्ला की कथ� मे� और आज मै� उस माणि� को अपने अंदर दे� पा रही हूं।
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सूरज का सातवाँ घोड़�.
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