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Hindi Quotes

Quotes tagged as "hindi" Showing 121-150 of 235
“लो� पूछत� है मुझस� हा� मेरा
मै� क्या बताऊ� मै� उदास रहता हू�,
और ज्यादा कु� नही� बस उसकी आस मे� रहता हू� ।।”
Nikhil Kaithwar

“अब तमन्ना नही� रही मोहब्ब� की,
तुम्हारे बि� अब दि� नही� लगता ।।
रा� की बा� क्या कर� हम ,
हमार� तो दि� मे� भी दि� नही� लगता ।।”
Nikhil Kaithwar

“तुझस� मोहब्ब� करके मोहब्ब� छोड़ देना,
और फि� मोहब्ब� करना कैसा है ।।
अच्छ� वह सब तो ठी� है ये बताओ,
घू� - घु� के जीने से मरना कैसा है ।।”
Nikhil Kaithwar

“मोहब्ब� है तुमस� बन� ले मुझे अपना”
Nikhil Kaithwar

“मोहब्ब� है तुमस� बन� ले मुझे अपना,
कही� बह� ना जाऊं किसी की सुंद� बातो� मे� ,
अग� कु� खिला पिला कर मुझे क़ैद कर लिया तो ।।”
Nikhil Kaithwar

“मुझे पढ़क� अब इन लोगो को मुझस� हमदर्दी होती है,
मोहब्ब� तुमस� की है हमने हम पर कु� तो तर� खाया कर� ।।”
Nikhil Kaithwar

“कितन� को मोहब्ब� है तुमस� हम कि� को अपना रकी� बताए,
और तुम्हे� खोने से डरते है हम तु� हो नही� हमार�,
तुमस� कितनी मोहब्ब� है तुम्हे� कैसे बताए ।।”
Nikhil Kaithwar

Manish Kumar Shrivastava
“मे� गर्जना�
घनप्रिया के सं�
इन्द्रधनुष �”
Manish Kumar Shrivastva, Prakash : Ek Dyuti

Manish Kumar Shrivastava
“जन्म दिवस�
मूर्ति पर धू� की
मोटी पर� �”
Manish Kumar Shrivastva, Prakash : Ek Dyuti

Manish Kumar Shrivastava
“भो� प्रहर�
शीर्षासन मुद्रा मे�
नवयुवक �”
Manish Kumar Shrivastva, Prakash : Ek Dyuti

Manish Kumar Shrivastava
“खे� मे� खड़ी
सरसो� की फसल�
पुष्�-सुगं� �”
Manish Kumar Shrivastva, Prakash : Ek Dyuti

Manish Kumar Shrivastava
“प्रातः समय�
धर� पर बिखरी
प्रकाश रश्म� �”
Manish Kumar Shrivastva, Prakash : Ek Dyuti

जयशंकर प्रसाद
“देवि, जीवन विश्� की सम्पत्ति है� प्रमाद से, क्षणिक आवेश से, या दुःख की कठिनाइयो� से उस� नष्ट करना ठी� तो नहीं।”
जयशंकर प्रसाद, ध्रुवस्वामिनॶ

जयशंकर प्रसाद
“मे�-संकु� आकाश की तर� जिसक� भविष्य घिरा हो, उसकी बुद्धि को तो बिजली के समान चमकन� ही चाहिये�”
जयशंकर प्रसाद, ध्रुवस्वामिनॶ

P.S. Jagadeesh Kumar
“मनुष्यता एक दुश्मन भी बनान� के बिना सिर्� प्या� बनान� की कल� है”
P.S. Jagadeesh Kumar

J. Nedumaan
“जो को� सह करना जानत� है वो सफ� करना जानत� है”
J. Nedumaan

J. Lepika
“दो चीजे� मनाई जाएं, पहली आपकी उम्र बढ़न� की और दूसरी आपकी परिपक्वत� है”
J. Lepika

J. Tisa
“एक गणतंत्� राष्ट्� होने के लि�, इसकी जनता को नैति� होना चाहि�”
J. Tisa

P.S. Jagadeesh Kumar
“इंजीनियरिं� हमार� जीवन को प्रकाश देती है और मेडिकल हमार� जीवन को प्रसन्नत� देती है”
P.S. Jagadeesh Kumar

P.S. Jagadeesh Kumar
“मै� धार्मि� होने के खिला� नही� हू�, मै� विधर्मी होने के खिला� हू�”
P.S. Jagadeesh Kumar

“खुली आँखो� से हमने� कु� ख्वा� देखे�
कभी तो अपने या� को बेहिज़ा� देखे�
रा� दे� धुंधला गयी 'जी�' की निगाहे�,
कभी आप की ओर से इजहा�-�-जनाब देखे�”
Jitendra kumar Sahu, Jivan sathi

P.S. Jagadeesh Kumar
“मै� शांत� फैलाना नही� चाहत� हू� , मै� अहिंसा फैलाना चाहत� हू�”
P.S. Jagadeesh Kumar

P.S. Jagadeesh Kumar
“अं� पथ के लि� है , गंतव्य्य के लि� नही�”
P.S. Jagadeesh Kumar

Mala Modi
“मेडिकल कॉले� मे� जाना आसान नही� होता है, किस्मत अच्छी हो तो एक सा� कोचिंग करते ही मेडिकल कॉले� के दर्श� हो जाते है� वरना लग� रह� सा� दर साल। उसमे भी दो से चा� सा� तो मा� के चलो। कहानी कु� इसी आधार पर है, गांव से निकल कर एक लड़क� शह� आत� है, एक सपना लेकर, डॉक्टर बनने का� नय� जो�, नई ऊर्ज� के सा� कोचिंग लाइफ मे� घु� तो जाता है परंत� धीरे धीरे वो उस कोचिंग रफी अंधेरी दुनिया मे� खोता जाता है� और फि� जो सपना से कु� बनने का देखा था अब उसी सपने से डर लगने लगता है और कब वो सपना नाइटमेयर मे� बद� जाता है वो भी नही� सम� पाता है� लेकि� हा�..! रा� कितनी भी डरावनी क्यो� � हो, सूरज की किरणों के सा� एक मनमोहक सुबह का आगाज� तो होगा ही� उसी सूरज की किरणों के आगमन की कहानी जरूर पड़े, नाइटमेयर के साथ।”
Mala Modi, Nightmare

Mala Modi
“स्कू� वाला प्या� सबकी जिंदगी का पहला पहला प्या� होता, सब कु� क्या क्या फी� करवाता है� स्कू� वाले प्या� मे� एक अनोखी पवित्रता होती है जो अंति� सांस तक दि� की धड़कनो� को जिंद� रखती है �”
Mala Modi, Nightmare

“Waqt ki baat hai
Jo kabhi tumhare bina puche tumhe sab kuch batana chahti thi, aaj wahi tumhare puchne par bhi tumhe kuch nahi batana chahti hai.”
Manisha Jain

J.R.R. Tolkien
“दू� कही� मोरनोन के परकोटो� पर तुरही बज रही थी. तब गॉलम चु� होकर पीछे खिसक� और गड्ढ� मे� उत� गय�.
"और इंसा� मोर्डो� � रह� है�" उसने दबी, भयभी� आवाज़ मे� कह�. "अँधेरे से भर� चेहर�. कभी ऐस� इंसा� नही� देखे स्मीगॉ� ने, ना! वो भयान� है�. उनकी अँधेरी ऑंखे� है�, लम्ब� काले बा�, और कानो� मे� सोने की बालिया�; हा�, बहुत सारा सुन्दर सोना. कु� के गालो� पर ला� रं� पुता है, और ला� ही उनके चोगे है�, उनके भालो� के सिरे भी; और उनके पा� बड़ी गो� ढाले� है�, काली-पीली, बड़ी-बड़ी शूलो� जड़ी. अच्छ� नही� है, बड़� विशा�, क्रू� दिखा� पड़ने वाले लो� है� वो. ओर्कों जितन� ही बुरे, और भी ज़्यादा भीमकाय. स्मीगॉ� को लगता है कि वो दक्षिण की विशा� नदी की तर� से आय� है�: वहाँ उस रस्त� पर. वहाँ से का� दरवाज़े की ओर बढ़ गए; पर शायद कई और आएंग�.
हमेश� और लो� आत� रहते है� मोर्डो� को. एक दि� सारे लो� यही� � जाएँगे.”
J.R.R. Tolkien

जयशंकर प्रसाद
“जिसक� हा� मे� बल नही�, उसका अधिकार ही कैसा?और यद� मांगकर मि� भी जा�, तो शांत� की रक्ष� कौ� करेग�?”
जयशंकर प्रसाद, स्कंदगुप्त

जयशंकर प्रसाद
“अंधकार का आलोक से, असत् का सत� से, जड़ का चेतन से और बाह्� जगत् का अंतर्जगत� से संबं� कौ� कराती है? कवित� ही �!”
जयशंकर प्रसाद, स्कंदगुप्त

जयशंकर प्रसाद
“परिवर्तन ही सृष्टि है, जीवन है� स्थि� होना मृत्यु है, निश्चेष्� शांत� मर� है�”
जयशंकर प्रसाद, स्कंदगुप्त