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बड़े घर की बेटी Quotes

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बड़े घर की बेटी बड़े घर की बेटी by Munshi Premchand
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“जि� तर� सूखी लकड़ी जल्दी से जल उठती है, उसी तर� क्षुधा (भू�) से बावल� मनुष्य ज़र�-ज़र� सी बा� पर तिनक जाता है�”
Munshi Premchand, बड़े घर की बेटी
“जाने� उसने सब घी मांस मे� डा� दिया� लालबिहारी”
Munshi Premchand, बड़े घर की बेटी